प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के बारे में

 

प्रो. नागेश दुबे
(प्रमुख)
संपर्क :  07582- 297152
मोबाइल नंबर :  9406519753
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विभागीय IQAC प्रोफ़ाइल

 मानदंड 1:-  पाठ्यचर्या संबंधी पहलू
 मानदंड 2:-  शिक्षण-अधिगम और मूल्यांकन
 मानदंड 3:-   अनुसंधान, नवाचार और विस्तार 
 मानदंड 4:-  बुनियादी ढांचा और शिक्षण संसाधन
 मानदंड 5:-   छात्र समर्थन और प्रगति
 मानदंड 6:-  शासन, नेतृत्व और प्रबंधन
 मानदंड 7:-  संस्थागत मूल्य और सर्वोत्तम प्रथाएँ
स्थापना वर्ष: 1958
विभाग का संक्षिप्त परिचय :
प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर भारतीय पुरातत्व के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसने सामान्य रूप से भारत और विशेष रूप से मध्य प्रदेश के पुरातत्व और इतिहास पर शोध में पर्याप्त योगदान दिया है और कई विद्वतापूर्ण प्रकाशन निकाले हैं। सत्र 1951-52 के दौरान पुरातात्विक उत्खनन के लिए "पुरातत्व विभाग" के रूप में जाना जाने वाला एक गैर-शिक्षण विभाग खोला गया था। तत्कालीन विभागाध्यक्ष डॉ. एमजी दीक्षित के निर्देशन में त्रिपुरी (जिला जबलपुर, मध्य प्रदेश) और सिरपुर (जिला रायपुर, छत्तीसगढ़) स्थल पर उत्खनन किया गया था। सत्र 1958-59 के दौरान "प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग" के रूप में एक पूर्ण शिक्षण विभाग अस्तित्व में आया और पुरातत्व के प्रतिष्ठित विद्वान प्रो. केडी बाजपेयी को इसका प्रमुख नियुक्त किया गया

 

  1. (क) शिक्षण संकाय का विवरण :

क्रम.

नहीं।

नाम

पद का नाम

डिग्री (विश्वविद्यालय/संस्थान जहां से प्रदान की गई)

विषय विशेषज्ञता

1.

प्रो. नागेश दुबे

प्रोफ़ेसर

एम.ए., पी.एच.डी. (डॉ. एच.एस.जी. वी.वी., सागर)

प्राचीन भारतीय, सामाजिक और आर्थिक, इतिहास, प्राचीन भारतीय, वास्तुकला और कला

2.

डॉ. आरपी सिंह

असिस्टेंट प्रोफेसर

एम.ए., पी.एच.डी. (बी.एच.यू.)

प्राचीन भारतीय समाज संस्कृति और इतिहासलेखन

3.

डॉ. सुरेन्द्र के. यादव

असिस्टेंट प्रोफेसर

एम.ए., पी.एच.डी. (बी.एच.यू.)

प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व

    

   अतिथि संकाय का विवरण:

1.

डॉ. शिव कुमार परोचे

अतिथि संकाय.

एम.ए., पी.एच.डी. (डॉ. एच.एस.जी.वी.वी., सागर)

प्राचीन भारतीय कला, वास्तुकला और पुरातत्व

2.

डॉ. मशकूर अहमद क़ादरी

अतिथि संकाय.

एम.ए., पी.एच.डी. (डॉ. एच.एस.जी.वी.वी., सागर)

प्राचीन भारतीय पुरातत्व

 

दृष्टि

         प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग का उद्देश्य छात्रों को शिक्षण, शोध और विस्तार गतिविधियों के माध्यम से प्राचीन भारत के अतीत और उसकी विरासत से अवगत कराना है। हमारा मानना ​​है कि अतीत की आलोचनात्मक समझ ही छात्रों को वर्तमान को समझने और भविष्य की ओर देखने में मदद करेगी।

 

 उद्देश्य

  1. विद्यार्थियों को ऐसे नागरिकों में परिवर्तित करें जिन्हें अतीत के बारे में गहन जानकारी हो।
  2. भारत के प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व में अध्ययन को बढ़ावा देना।
  3. प्राचीन भारत के इतिहास पर क्षेत्रीय प्रशिक्षण के माध्यम से छात्रों को अद्वितीय शिक्षण अनुभव प्रदान करना।