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दर्शनशास्त्र विभाग
डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.)
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स्थापना वर्ष : 18 जुलाई 1946 विभागाध्यक्ष का नाम : डॉ. अनिल कुमार तिवारी सम्पर्क विवरण : (O) 07582-297148, (एम) 9419160804 ईमेल (विभागाध्यक्ष) : यह ईमेल पता spambots से संरक्षित किया जा रहा है. आप जावास्क्रिप्ट यह देखने के सक्षम होना चाहिए. |
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विभाग का संक्षिप्त परिचय:
दर्शनशास्त्र विभाग विश्वविद्यालय के सबसे पुराने विभागों में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 1946 में ही हो गई थी जब विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। इस विभाग की शुरुआत 02 शिक्षकों और 10 छात्रों के साथ हुई थी। प्रोफेसर एसएस रॉय दर्शनशास्त्र विभाग के संस्थापक अध्यक्ष थे। वर्ष 1946 में दर्शनशास्त्र में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किया गया था। स्नातकोत्तर अध्ययन कार्यक्रम वर्ष 1950 में शुरू किया गया था। अध्ययन का पीएचडी कार्यक्रम वर्ष 1952 में शुरू किया गया था। प्रोफेसर एसएस रॉय, प्रोफेसर रासबिहारी दास, प्रोफेसर एसके सक्सेना, प्रोफेसर शिवजीवन भट्टाचार्य, प्रोफेसर प्रतापचंद्र, प्रोफेसर अर्जुन मिश्रा और प्रोफेसर दयाकृष्ण जैसे प्रतिष्ठित प्रोफेसरों ने इस विभाग में अपनी सेवाएं दी हैं। अपनी स्थापना के बाद से विभाग निरंतर विकास कर रहा है। वर्तमान में, एक वरिष्ठ प्रोफेसर और एक एसोसिएट प्रोफेसर की देखरेख में विभाग में 12 शोध छात्र शोध में लगे हुए हैं। दो अतिथि संकाय भी कार्यरत हैं। शोध के अलावा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को प्रशिक्षण दे रहा है।
विजन और मिशन :
अनुकूल ज्ञानात्मक संस्कृति, विद्वत्ता और श्रेणियों का सृजन करके विश्वविद्यालय के विजन और मिशन को सिद्धि और साकार करना, ताकि भारतीय ज्ञान प्रणाली के ढांचे के इर्द-गिर्द संभावित और वास्तविक संदर्भों में व्याख्यात्मक प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सके।
- विशिष्ट विशेषताएं/उपलब्धियां:
- अंबिका दत्त शर्मा को देश में पहली बार मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा वर्ष 2021-2023 के लिए शंकर फेलोशिप से सम्मानित किया गया है
- अंबिका दत्ता शर्मा को 2019 में प्रतिष्ठित प्रणवानंद दर्शन पुरस्कार, 2007 में नरेश मेहता स्मृति वांग्मय सम्मान और 2006 से 2009 तक यूजीसी, अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
- प्रताप चन्द्र भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान शिमला के फेलो के रूप में कार्यरत थे।
- 1980 के दशक में अर्जुन मिश्रा को प्रतिष्ठित प्रणवानंद दर्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
- विभाग ने प्रोफेसर अर्जुन मिश्रा और महामहोपाध्याय भच्चू लाल अवस्थी के निर्देशन में 1982-1987 के दौरान 40 व्यापक खंडों में भारतीय दर्शन बृहत्कोश तैयार किया है।
- ओशो रजनीश (जन्म: चंद्र मोहन जैन, 11 दिसम्बर 1931 - 19 जनवरी 1990), जिन्हें आचार्य रजनीश के नाम से भी जाना जाता है, ने 1955 में डीएन जैन कॉलेज से दर्शनशास्त्र में बी.ए. की डिग्री प्राप्त की , तथा 1957 में सागर विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग से एम.ए. की डिग्री प्राप्त की।
विभाग की विशिष्टता :
- यह मध्य भारत का एकमात्र दर्शनशास्त्र विभाग है जहां यूजी, पीजी और डी. कार्यक्रम च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के साथ चलाए जाते हैं।
- दर्शनशास्त्र विभाग देश के उन कुछ विभागों में से एक है जहां पीजी और पीएचडी पाठ्यक्रमों में पाठ्य अध्ययन को बढ़ावा दिया जाता है।
स्थापना के बाद से विभागाध्यक्षों की सूची
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क्रमांक। |
नाम |
वर्ष |
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1. |
डॉ. एसएस रॉय |
08.07.1946 - 02.07.1951
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2. |
डॉ. आर.आर.दास |
03.07.1951 - 01.01.1954
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3. |
डॉ. एसएस रॉय |
02.01.1954 - 01.11.1954
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4. |
डॉ. एस.के. सक्सेना |
02.11.1954 - 15.09.1961
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5. |
श्री सी.एस. अवस्थी |
16.09.1961 - 08.07.1976
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6. |
डॉ. अर्जुन मिश्रा |
09.07.1976 - 31.08.1987
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7. |
डॉ. प्रताप चंद्र |
01.09.1987 - 21.01.1991
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8. |
डॉ. एचएन मिश्रा |
29.01.1991 - 03.09.1994
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9. |
डॉ. एसएस नेगी |
04.09.1994 - 31.05.2008
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10. |
डॉ. एपी दुबे
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01.06.2008 - 31.05.2011 |
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11। |
डॉ. ए.डी. शर्मा |
01.06.2011 - 31.05.2014
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12. |
डॉ. एपी दुबे
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01.06.2014 - 31-05-2017 |
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13. |
डॉ. सविता गुप्ता |
01.06.2017 - 31-05-2020
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14.
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डॉ. ए.डी. शर्मा
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01.06.2020 - 05-04-2024
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15.
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डॉ. अनिल कुमार तिवारी
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05-04-2024 - आगे
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स्वीकृत पद |
भरा हुआ |
खाली |
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प्रोफ़ेसर |
02 |
शून्य |
02 |
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सह - प्राध्यापक |
03 |
02 |
01 |
|
सहेयक प्रोफेसर |
02 |
शून्य |
02 |
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कुल |
07 |
02 |
05 |
संकाय सदस्य
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क्र. सं. |
नाम |
योग्यता |
पद का नाम |
विषय विशेषज्ञता |
शिक्षण अनुभव |
मेल पता |
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1. |
प्रो. एपी दुबे ( सेवानिवृत्त 30/04/2022 ) |
एमए, पीएच.डी. डॉ. एचएस गौर वीवी सागर (एमपी) से |
प्रोफ़ेसर |
भारतीय दर्शन, व्यावहारिक नैतिकता, विशेषकर बौद्ध धर्म का राजनीतिक दर्शन। |
37 वर्ष |
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2. |
प्रो. ए.डी. शर्मा |
· एमए दर्शनशास्त्र बी.एच.यू. वाराणसी · बौद्ध दर्शन में आचार्य, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, · 'दर्शनशास्त्र' में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, |
प्रोफेसर एवं प्रमुख |
भारतीय दर्शन, बौद्ध तर्क और ज्ञानमीमांसा, स्वतंत्रता के बाद भारतीय दार्शनिक चिंतन और सांस्कृतिक चेतना। |
35 वर्ष |
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3. |
प्रो. सविता गुप्ता |
एमएएमफिल पीएच.डी. |
प्रोफ़ेसर |
भारतीय दर्शन, विशेषकर शंकर वेदांत, भारतीय ज्ञानमीमांसा और प्रतीकात्मक तर्क। |
23 वर्ष |
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अतिथि संकाय
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क्र. सं. |
नाम एवं योग्यता |
पद का नाम |
विशेषज्ञता का क्षेत्र |
मेल पता मोबाइल नहीं है।
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1. |
डॉ. एसएन देवलिया एमए (दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, संस्कृत), यूजीसी-नेट (दर्शनशास्त्र) डॉ. एचएस गौर वी., वी., सागर (एमपी) से दर्शनशास्त्र में पीएचडी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा |
अतिथि संकाय |
भारतीय दर्शन, भारतीय नैतिकता, तर्कशास्त्र (भारतीय और पाश्चात्य) |
यह ईमेल पता spambots से संरक्षित किया जा रहा है. आप जावास्क्रिप्ट यह देखने के सक्षम होना चाहिए. 9893450106 |
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2. |
डॉ. एन.के. बौधा डॉ. एचएस गौर वीवी, सागर (म.प्र.) से दर्शनशास्त्र में एम.ए. और पी.एच.डी. |
अतिथि संकाय |
बौद्ध धर्म, नव-बौद्ध धर्म, अम्बेडकर का सामाजिक दर्शन |
यह ईमेल पता spambots से संरक्षित किया जा रहा है. आप जावास्क्रिप्ट यह देखने के सक्षम होना चाहिए. 9340593840
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गैर-शिक्षण कर्मचारी
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क्र. सं. |
नाम |
पद का नाम |
मोबाइल नहीं है। |
मेल पता |
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1. |
- |
- |
- |
- |
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2. |
श्री कालीचरण कोरी |
चपरासी |
9300732396 |
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मान्यता प्राप्त योगदान
प्रमुख अनुसंधान परियोजनाएँ
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क्रमांक। |
परियोजना का शीर्षक |
वित्तपोषण एजेंसी |
अवधि |
पुरस्कार विजेता का नाम |
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1 |
भारतीय दर्शन बृहत्कोश |
यूजीसी |
1982-87 |
निर्देशक : प्रो. अर्जुन मिश्रा |
|
2 |
प्रस्थानत्रयी- एक विश्लेषणात्मक एवं समन्वयात्मक अध्ययन |
यूजीसी |
2008-11 |
प्रधान अन्वेषक : प्रो. एपी दुबे |
|
3 |
भारतीय दर्शन में प्रत्यक्ष-प्रमाण का आलोचनात्मक अध्ययन |
यूजीसी |
2006-09 |
प्रो. ए.डी. शर्मा |
लघु अनुसंधान परियोजनाएं
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क्रमांक। |
परियोजना का शीर्षक |
वित्तपोषण एजेंसी |
अवधि |
पुरस्कार विजेता का नाम |
|
1 |
स्वतंत्रता के बाद के भारतीय दर्शन में तत्वमीमांसा की प्रासंगिकता |
यूजीसी |
|
प्रो. ए.डी. शर्मा |
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संस्थागत मूल्य और सर्वोत्तम प्रथाएँ :
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