
विभागाध्यक्ष - : प्रो. अनिल कुमार जैन - ( प्रोफाइल देखें )
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विभागीय विवरणिका
विभाग का संक्षिप्त परिचय :
शिक्षा विभाग की स्थापना 1961 में मध्य प्रदेश सरकार के पोस्ट ग्रेजुएट बेसिक ट्रेनिंग (PGBT) कॉलेज के रूप में हुई थी। PGBT कॉलेज को सरकारी शिक्षा महाविद्यालय (शासकीय स्नात्कोत्तर शिक्षा महाविद्यालय) भी कहा जाता था। यह मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक प्रसिद्ध शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान था जो B.Ed., M.Ed. और डिप्लोमा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता था। 19 जून, 1967 को मध्य प्रदेश सरकार ने पत्र क्रमांक Trgk/67/2053 के माध्यम से इस कॉलेज को अपने सभी भौतिक और मानव संसाधनों के साथ सागर विश्वविद्यालय को सौंप दिया और इसका नाम बदलकर 'विश्वविद्यालय शिक्षा महाविद्यालय' कर दिया।
2009 में विश्वविद्यालय के एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में उन्नयन के बाद, इस विश्वविद्यालय शिक्षा महाविद्यालय को इसकी सभी संस्थाओं और सुविधाओं के साथ 27 मार्च, 2011 को शिक्षा विभाग में तब्दील कर दिया गया (संदर्भ: मद संख्या IV SA 1, 27.12.2010 को आयोजित AC की बैठक)। दिसंबर, 2015 में शिक्षा विभाग को शिक्षा विभाग के स्कूल में उन्नयन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय), भारत सरकार, नई दिल्ली की पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक और शिक्षण मिशन (PMMMNMTT) योजना के तहत 8.76 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ। शिक्षा स्कूल के अंतर्गत दो केंद्र, पूर्व-सेवा शिक्षक शिक्षा केंद्र (CPSTE) और शिक्षक शिक्षकों के व्यावसायिक विकास केंद्र (CPDTE) कार्य कर रहे हैं (4-5 जुलाई, 2016 को आयोजित शैक्षणिक परिषद की बैठक शिक्षा विभाग च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के साथ स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रम प्रदान करता है।
उद्देश्य:
- प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा की शिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम संचालित करना।
- पाठ्यक्रम विकास, शिक्षणशास्त्र, समावेशी शिक्षा, भाषा शिक्षण और लैंगिक मुद्दों पर अनुसंधान करना।
- भारतीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्र-शिक्षकों को ज्ञान, कौशल और दक्षता से सुसज्जित करना।
- मानविकी, कला, शिल्प, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और योग (मनोवैज्ञानिक और शारीरिक शिक्षा) के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षक-छात्र संबंध (गुरु-शिष्य परम्परा) की स्वदेशी परंपरा को बढ़ावा देना।
- शिक्षा विद्यालय को अध्यापक शिक्षा के आदर्श संस्थान के रूप में विकसित करना।
- शिक्षा प्रणाली में नवाचारों को प्रस्तुत करना और उनका पोषण करना ताकि भारत के आध्यात्मिक ज्ञान, सुदृढ़ बौद्धिकता और अक्षय रचनात्मकता को प्रतिबिम्बित किया जा सके।
- व्यावसायिक शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों, सामाजिक शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच शिक्षण और सीखने की क्षमता के विकास के उद्देश्य से शिक्षक शिक्षा से संबंधित उन्नत अनुसंधान के परिणामों को प्रकाशित और प्रसारित करना।
- शिक्षकों की शिक्षा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना तथा ऑनलाइन कार्यक्रमों, वृत्तचित्रों, संगीत और नाटकीय कार्यक्रमों और फिल्मों के माध्यम से शिक्षण-अधिगम सामग्री का विकास करना।
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स्थायी संकाय सदस्य |
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संकाय का नाम |
योग्यता |
पद का नाम |
विशेषज्ञता |
अनुभव |
फोटो |
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डॉ. रश्मि जैन |
एम.एस.सी. (वनस्पति विज्ञान) एम.एड., पीएचडी (शिक्षा) |
सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष |
शिक्षक शिक्षा एवं पर्यावरण शिक्षा |
24 साल |
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डॉ. रानी दुबे |
एम.एस.सी. (रसायन विज्ञान), एम.एड., एम.फिल., और पीएच.डी. (शिक्षा) |
सहेयक प्रोफेसर |
जनसंख्या शिक्षा एवं विशेष शिक्षा |
30 वर्ष |
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डॉ. चंद्रकांत जैन |
एम.एस.सी. (भौतिकी), एम.एड. (स्वर्ण पदक), यूजीसी-नेट और पीएच.डी. (शिक्षा) |
सहेयक प्रोफेसर |
शैक्षिक दर्शन एवं मापन एवं मूल्यांकन |
26 वर्ष |
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डॉ. प्रीति वाधवानी |
एम.कॉम., एम.एड. (स्वर्ण पदक), यूजीसी-नेट, और पीएच.डी. (शिक्षा) |
सहेयक प्रोफेसर |
शैक्षिक प्रौद्योगिकी, मापन और मूल्यांकन, |
11 वर्ष |
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डॉ. धर्मेंद्र कुमार सर्राफ |
एम.एससी. (वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान और जैव रसायन), एम.एड., पीजीपीडी (एमआर), पीजीडीसीए, यूजीसी-नेट और डी.फिल. (शिक्षा) |
सहेयक प्रोफेसर |
शिक्षा, शैक्षिक मार्गदर्शन और परामर्श में मापन और मूल्यांकन |
11 वर्ष |
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डॉ. बुध सिंह |
एम.ए., एम.फिल. (अंग्रेजी) एम.एड., यूजीसी-नेट और पीएच.डी. (शिक्षा) |
सहेयक प्रोफेसर |
आईसीटी एवं शैक्षिक प्रौद्योगिकी और समावेशी शिक्षा |
12 वर्ष |
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डॉ. अभिषेक कुमार प्रजापति |
एम.एससी. (जूलॉजी) एम.एड., यूजीसी-नेट/जेआरएफ, पीएच.डी. (शिक्षा) |
सहेयक प्रोफेसर |
शिक्षक शिक्षा, एवं पर्यावरण शिक्षा |
08 वर्ष |
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अतिथि संकाय सदस्य |
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अतिथि संकाय का नाम |
योग्यता |
पद का नाम |
विशेषज्ञता |
अनुभव |
फोटो |
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डॉ. शकीला खान |
एम.ए.(समाजशास्त्र), पी.एच.डी. (शिक्षा) |
अतिथि संकाय |
पाठ्यक्रम विकास एवं शिक्षक शिक्षा |
13 वर्ष |
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सुश्री अपर्णा श्रीवास्तव |
एम.ए. (इतिहास, समाजशास्त्र) एम.एड., यूजीसी-नेट (शिक्षा) |
अतिथि संकाय |
शिक्षक शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, शिक्षा में मार्गदर्शन परामर्श |
11 वर्ष |
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श्री योगेश कुमार सिंह |
एम.ए. (शिक्षा), एम.ए. (राजनीति विज्ञान) एम.एड., यूजीसी-नेट (शिक्षा) |
अतिथि संकाय |
शिक्षक शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा |
04 वर्ष |
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डॉ. अनुपी समैया |
एम.एस.सी. (प्राणीशास्त्र), एम.ए. (मनोविज्ञान), एम.एड., पी.एच.डी. शिक्षा, यू.जी.सी.-नेट (शिक्षा) |
अतिथि संकाय |
जीव विज्ञान की शिक्षाशास्त्र, शिक्षा में मार्गदर्शन और परामर्श, शिक्षक शिक्षा और पाठ्यक्रम विकास |
18 वर्ष |
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सुश्री कंचन चौरसिया |
एम.ए. (मनोविज्ञान और हिंदी), एम.एड., यूजीसी-नेट (शिक्षा) |
अतिथि संकाय |
विशेष शिक्षा और पर्यावरण शिक्षा |
08 वर्ष |
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डॉ. रमा कांत |
एम.ए. (राजनीति विज्ञान) एम.एड., यूजीसी-नेट (शिक्षा), पीएच.डी. (शिक्षा) |
अतिथि संकाय |
सामाजिक विज्ञान, विशेष शिक्षा, शैक्षिक प्रौद्योगिकी और शिक्षक शिक्षा का शिक्षणशास्त्र |
03 वर्ष |
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विभाग के कर्मचारियों का सामाजिक श्रेणीवार सारांश
| पद का नाम | अनुसूचित जाति | अनुसूचित जनजाति | अन्य पिछड़ा वर्ग | उर | कुल | |||||
| एम | एफ | एम | एफ | एम | एफ | एम | एफ | एम | एफ | |
| प्रोफ़ेसर | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य |
| सह - प्राध्यापक | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य |
| सहेयक प्रोफेसर | 1 | शून्य | शून्य | शून्य | 2 | शून्य | शून्य | 4 | 3 | 4 |
| अतिथि संकाय | 1 | शून्य | शून्य | शून्य | 1 | 2 | शून्य | 2 | 2 | 4 |
| शारीरिक प्रशिक्षक | शून्य | शून्य | शून्य | शून्य | 1 | शून्य | शून्य | शून्य | 1 | शून्य |
| मल्टी टास्किंग स्टाफ | 1 | 01 | शून्य | शून्य | 01 | शून्य | 01 | शून्य | 3 | 01 |
















